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निजी विश्वविद्यालय विधेयक पर सरकार से मांगी राय

मुंबई.निजी विश्वविद्यालय विधेयक में आरक्षण की मांग उठने के बाद राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने राज्य सरकार से विधेयक के संबंध में कई सवाल पूछे हैं। राज्यपाल ने अन्य राज्यों में अमल लाए जा रहे कानून के विभिन्न प्रावधानों का ब्यौरा भी मांगा है।मानसून सत्र में 11 अगस्त को विधानमंडल के दोनों सदनों में विधेयक को मंजूरी दी गई थी। राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए इसे राजभवन भेजा गया है। मौजूदा समय में राज्यपाल के पास यह विधेयक विचाराधीन है।विधेयक के विरोध में कई शिकायतें राजभवन को मिली हैं। राजनीतिक दल भी आरक्षण की मांग को लेकर विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इन सबको देखते हुए राज्यपाल ने सरकार से सविस्तार जानकारी मांगी है।राज्यपाल ने उन राज्यों की जानकारी सरकार से मांगी है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण आरक्षण की मांग पर राज्यपाल से चर्चा करने वाले हैं।विधेयक मंजूर होने के बाद आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में इसी तरह के विधेयक को मंजूरी दी गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2003 में एक अधिसूचना जारी की थी। जिसके तहत उन राज्यों में निजी विश्वविद्यालयों में पिछड़ी जाति को प्रवेश में आरक्षण दिया जाता है।

उन्होंने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की थी कि विधेयक रदद् किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। इससे पिछड़ी जाति के छात्रों और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ अन्याय होगा। निजी विश्वविद्यालय मनमानी करेंगे और शिक्षा व्यवस्था पर माफियाओं का कब्जा हो जाएगा।दैनिक भास्कर-http://www.bhaskar.com/article/MH-governor-of-maharashtra-government-sought-information-on-the-private-university--2451689.html