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पुरस्कार को अभी इंतजार

चंडीगढ़ : राज्य के शिक्षकों को इस बार पुरस्कारों के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। निर्धारित योग्यता व शर्तो में विसंगतियां और मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की विदेश यात्रा को पुरस्कारों की घोषणा में देरी की वजह माना जा रहा है। हरियाणा सरकार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर हर साल राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान करती है। यह पहला मौका है, जब मास्टरों व लेक्चरर श्रेणी के अलावा जेबीटी शिक्षकों के लिए पुरस्कार की अलग श्रेणी बनाई गई है। हालांकि जेबीटी के लिए अलग से पुरस्कार दिए जाने की घोषणा का स्वागत हुआ है लेकिन इसमें आधा दर्जन से अधिक खामियों के कारण वास्तविक पात्र जेबीटी शिक्षक सरकार की योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जेबीटी शिक्षकों को राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए पांच साल की समग्र मूल्यांकन रिपोर्ट (सीसीई) देने को कहा गया है। इसका नकारात्मक पहलू यह है कि राज्य में समग्र मूल्यांकन प्रणाली हाल-फिलहाल लागू हुई है। जेबीटी शिक्षकों को 15 साल की सर्विस के बाद ही राज्य पुरस्कार के लिए पात्र माना गया है, जबकि कोई भी जेबीटी लंबी सर्विस के बाद मात्र मास्टर या सीएंडवी टीचर के पद पर पदोन्नत हो जाता है। जेबीटी शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता एमफिल और पीएचडी निर्धारित की गई है, जबकि ज्यादातर जेबीटी शिक्षक दस जमा दो होते हैं। जेबीटी शिक्षकों को जनगणना अथवा चुनाव ड्यूटी के प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाने को कहा गया है, जबकि इन दोनों विभागों द्वारा कोई सर्टिफिकेट जेबीटी शिक्षकों को नहीं दिया जाता। इन सेवाओं के पांच नंबर निर्धारित हैं।
जो शिक्षक रक्तदान नहीं कर सकते अथवा नहीं कर पाए मगर काम अच्छा कर रहे हैं, उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए कम नंबर मिलेंगे। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद ठाकरान और महासचिव दीपक गोस्वामी ने शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन, निदेशक विजयेंद्र कुमार तथा प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनजीत बराड़ के समक्ष इन खामियों को उठाया है।दैनिक जागरण की इस न्यूज़ को पूरा पढ़े-http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2011-09-02&pageno=3#id=111720090069058488_8_2011-09-02