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अब सिर्फ 5 हजार बनेंगे शिक्षक!


जयपुर.राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले चार साल के दौरान (2007-2011) शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर चुके करीब 40 हजार अभ्यर्थियों में से केवल पांच हजार को नई भर्ती में मौका मिल सकता है।
एक ही शिक्षक भर्ती का चार बार विज्ञापन जारी होने से यूनिवर्सिटी के पास आवेदन शुल्क के पेटे करीब पौने दो करोड़ रु. जमा हैं।स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों के अनुसार, यूजीसी के नए नियम लागू होने से करीब 35 हजार आवेदन निरस्त माने जाएंगे।ऐसे ही एक आवेदक विकास यादव का कहना है कि प्रत्येक सामान्य और ओबीसी वर्ग के आवेदक से 500 रु. और एससी-एसटी वर्ग से 250 रु. शुल्क लिया गया था। तय समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने के लिए यूनिवर्सिटी जिम्मेदार है, लिहाजा अभ्यर्थियों को राशि लौटाई जाए।कुलसचिव निष्काम दिवाकर कहते हैं- सिंडिकेट के फैसले के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। शर्तें व विज्ञापन की तिथि तय करने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।पुराने आवेदकों को नए विज्ञापन के तहत आवेदन में छूट दी जाएगी, लेकिन पुराने नियमों के तहत आवेदन किया था तो नियम बदलने से वे निरस्त नहीं होंगे?
आवेदन लें, लेकिन शुल्क नहीं वसूलें
"जिन्होंने पूर्व में आवेदन किया था, उनसे नए नियमों के तहत फिर आवेदन लिए जाएं, लेकिन 500 या 250 रु. शुल्क न लिया जाए। अगर नए विज्ञापन में शुल्क बढ़ाया गया, तो केवल बढ़ा हुआ शुल्क लिया जाए। इस तरह बड़ी संख्या में आवेदकों को राहत दी जा सकती है।"
-आलोक माथुर, पूर्व वित्त अधिकारी, राजस्थान यूनिवर्सिटी